Mook Naayak मूकनायक


Join the forum, it's quick and easy

Mook Naayak मूकनायक
Mook Naayak मूकनायक
Would you like to react to this message? Create an account in a few clicks or log in to continue.
Search
 
 

Display results as :
 


Rechercher Advanced Search

Latest topics
» Books of Dr. B. R. Ambedkar with Gulamgiri by Jyotiba Phule in English
आनेवाले समय में बहुत जरुरी है व्यवसाय और निवेश की वित्तीय शिक्षा EmptyMon May 20, 2019 3:36 pm by nikhil_sablania

» Books of Dr. B. R. Ambedkar with Gulamgiri by Jyotiba Phule in English
आनेवाले समय में बहुत जरुरी है व्यवसाय और निवेश की वित्तीय शिक्षा EmptyMon May 20, 2019 3:34 pm by nikhil_sablania

» Books of Dr. B. R. Ambedkar with Gulamgiri by Jyotiba Phule in English
आनेवाले समय में बहुत जरुरी है व्यवसाय और निवेश की वित्तीय शिक्षा EmptyMon May 20, 2019 3:32 pm by nikhil_sablania

» डॉ भीमराव अम्बेडकर के साहित्य के साथ गर्मियों की छुट्टियाँ बिताएं
आनेवाले समय में बहुत जरुरी है व्यवसाय और निवेश की वित्तीय शिक्षा EmptySun May 19, 2019 1:36 pm by nikhil_sablania

» पुस्तक 'चलो धम्म की ओर' का विमोचन श्रीलंका के भारत के हाईकमीशनर ऑस्टिन फर्नांडो और वियतनाम के राजदूत सान चाओ द्वारा किया गया
आनेवाले समय में बहुत जरुरी है व्यवसाय और निवेश की वित्तीय शिक्षा EmptySun May 19, 2019 1:18 pm by nikhil_sablania

» भारत की मीडिया का जातिवाद Bharat ki Media ka Jativaad
आनेवाले समय में बहुत जरुरी है व्यवसाय और निवेश की वित्तीय शिक्षा EmptyMon Feb 09, 2015 3:46 pm by nikhil_sablania

» आसानी से प्राप्त करें व्यवसाय और निवेश की शिक्षा
आनेवाले समय में बहुत जरुरी है व्यवसाय और निवेश की वित्तीय शिक्षा EmptyMon Nov 03, 2014 10:38 pm by nikhil_sablania

» ग्रामीण छात्र को भाया डॉ भीमराव अम्बेडकर का सन्देश: कहा व्यवसायी बनूंगा
आनेवाले समय में बहुत जरुरी है व्यवसाय और निवेश की वित्तीय शिक्षा EmptySat Nov 01, 2014 1:17 pm by nikhil_sablania

» जाती की सच्चाई - निखिल सबलानिया
आनेवाले समय में बहुत जरुरी है व्यवसाय और निवेश की वित्तीय शिक्षा EmptyMon Oct 27, 2014 1:57 pm by nikhil_sablania

Navigation
 Portal
 Index
 Memberlist
 Profile
 FAQ
 Search
Affiliates
free forum
 

आनेवाले समय में बहुत जरुरी है व्यवसाय और निवेश की वित्तीय शिक्षा

Go down

आनेवाले समय में बहुत जरुरी है व्यवसाय और निवेश की वित्तीय शिक्षा Empty आनेवाले समय में बहुत जरुरी है व्यवसाय और निवेश की वित्तीय शिक्षा

Post  nikhil_sablania Sat Oct 25, 2014 10:59 pm

हमारे देश में बहुत कम शिक्षित लोग व्यवसाय या निवेश में उतरते हैं। आज प्राईवेट सेक्टर भी सिमटा है और सरकारी सेक्टर भी घटा है। अब नौकरियाँ सरकारी क्षेत्र में भी अनियमित कॉन्ट्रेक्ट की रह गयी हैं। ऐसे में जरूरी है कि लोग अभी संभल जाए और व्यवसाय और निवेश की ओर अपने कदम बढ़ाएं।

आपने कभी सोचा कि अमरीका विश्व में इतने ऊँचे स्थान पर कैसे रहा या ब्रिटेन कैसे विश्व में एक समय का सबसे अमीर देश बना? इन दोनों देशों की आर्थिक तरक्की में छुपा है व्यवसाय और निवेश। न सिर्फ यह दोनों देश ही, बल्कि विश्व के सभी तरक्कीवाले देशों में व्यवसाय और निवेश जहाँ लोगों के जीवन का प्रमुख स्रोत है वहीं भारत जैसे पिछड़े देशों में लोग नौकरियों और मजदूरी पर गुजर बसर करते हैं। यदि 1991 से लेकर अब तक का भारत देखा जाए तो हम पाएंगे कि हमारी युवा पीढ़ी आज बहुराष्ट्रीय विदेशी कंपनियों में छोटी-मोटी नौकरियां पाकर खुश हो जाती है। ऐसे में ज़रा सोचिए कि आनेवाले समय में क्या होगा जब यह कंपनियां अधिक मुनाफे के लिए और गरीब देशों में चली जाएंगी। दूसरी तरफ भारत में सरकारी नौकरी का इतना चाव है कि लोग अपनी सारी जवानी इन्हें ही पाने में निकाल देते हैं। भारत में जहाँ एक तरफ सरकार स्कॉलरशिप दे कर या सस्ती सरकारी शिक्षा व्यवस्था में पढ़ा कर डिग्रियां तो देती है, पर रोजगार की गारंटी नहीं देती और वेतन तो प्राइवेट सेक्टर के मुकाबले आधा या चौथाई ही होता है। ऐसे में आनेवाले समय में क्या हाल होनेवाला है आईए ज़रा इसका एक मानचित्र तैयार करें।

भारत में ऐसी बहुत काम कम्पनियाँ हैं जो कि विदेश से धन खींच सकती है। एक तरफ भारत में सरकारें और कायदे कानून इतने सख्त हैं कि यहाँ एक तरफ जहाँ व्यवसाय करना बहुत कठिन हैं वहीं दूसरी तरफ विदेशी कम्पनियाँ आसानी से यहाँ से धन बाहर खींच सकती है। ऐसे में यदि व्यवसाय और निवेश की तरफ भारत के लोग नहीं जाते तो उनके आगे एक ही रास्ता बचेगा और वह है नौकरी। आनेवाले समय में धन की अत्याधिक मात्रा से यह कम्पनियाँ जहाँ एक तरफ तकनिकी रूप से और अधिक विकसित हो जाएंगी वहीं दूसरी तरफ भारत की आबादी डेढ़ सौ करोड़ का आंकड़ा पार कर लेगी। तो एक तरफ तो कम्पनियाँ और सरकार अपने धन से बहुत मजबूत और तकनिकी रूप से विकसित होंगी और दूसरी तरफ एक बहुत बड़ी जनसंख्या ऐसी होगी जो सरकार और कंपनियों पर आर्थिक रूप से निर्भर रहेगी। आनेवाले समय में सरकार और कंपनियों का शिकंजा कुछ इस प्रकार कस जाएगा कि खाने से लेकर पीने तक के लिए कदम-कदम पर रूपये की आवश्यकता बढ़ती ही चली जाएगी। ऐसे में एक तरफ अधिक जनसंख्या होने के कारण नौकरियाँ मुश्किल से मिलेगी और दूसरी तरफ अधिक शिक्षित जनसंख्या होने के कारण वेतन स्तर भी अत्याधिक घट जाएगा। उस अवस्था में एक बहुत बड़ा तबका बेरोजगार ही नहीं बल्कि आत्मनिर्भर बनने में असक्षम होगा जो खाने-पीने के लिए भी सरकार पर निर्भर रहेगा। वैसे में सरकार के पास एक ही रास्ता रहेगा कि वह सामाजिक सुरक्षा (सोशल सेक्युरिटी) के नाम पर लोगों को ज़िंदा रखने मात्र रुपया दे। लोगों को ज़िंदा भी इसलिए  रखा जाता है ताकि बाँध और रेल जैसे बड़ी कंस्ट्रक्शन के प्रोजेक्ट पूरे किए जा सके। और दूसरी तरफ नौकरीपेशा लोगों के आगे बढ़ती महंगाई सामने आएगी जिसके लिए वे राजनैतिक रूप से संघर्ष करेंगे और उस संघर्ष को दबाने के नाम पर सरकारी तंत्र खुद को और मजबूत करेगा जिससे कि लोगों को किसी प्रकार उस व्यवस्था के विरुद्ध सक्रिय न होने दिया जाए। संघर्ष को यदि दबाना मुश्किल लगा तो कम्पनियाँ एक दूसरा दल गठित करके या विपक्ष को खरीद कर अपने पाले में ले लेगी और लोग सत्ता परिवर्तन करके भी ठगे जाएंगे। ऐसे में बचा रहेगा तो वह तबका जो कि खुद को किसी तरह व्यापार या निवेश में लगा पाएगा।

उपरोक्त मानचित्र कोई कोरी कल्पना नहीं है बल्कि कई देशों की पूर्व में और वर्तमान में यह अवस्था रह चुकी है और भारत में भी इस अवस्था के आसार नज़र आ ही रहें है, फर्क सिर्फ इतना है कि यहाँ वयवसाय और निवेश को लेकर जनमानस में चेतना बहुत कम है। अब से कुछ वर्ष पूर्व लोगों में सरकारी नौकरियों का चाव बहुत अधिक था। ऐसा नहीं कि वह चाव समाप्त हुआ पर हाँ प्राईवेट सेक्टर आने से उस चाव में थोड़ी कमी आई। कुछ लोगों को प्राईवेट सेक्टर ने अच्छा जीवन स्तर दिया पर उनके जीवन में आत्मनिर्भरता नहीं आई। एक सफल देश के लिए जरूरी है कि शिक्षित जनसंख्या व्यवसाय और निवेश में आए जिससे कि व्यापार की और तरक्की हो। पर हमारे देश में बहुत कम शिक्षित लोग व्यवसाय या निवेश में उतरते हैं। आज प्राईवेट सेक्टर भी सिमटा है और सरकारी सेक्टर भी घटा है। अब नौकरियाँ सरकारी क्षेत्र में भी अनियमित कॉन्ट्रेक्ट की रह गयी हैं। ऐसे में जरूरी है कि लोग अभी संभल जाए और व्यवसाय और निवेश की ओर अपने कदम बढ़ाएं।

यह सही है की व्यवसाय और निवेश में बहुत कठनाईयाँ आती है, पर आनेवाले समय में जो कठनाईयाँ हमारे सामने आनेवाली हैं, उनके मुकाबले कम नहीं है। यदि आप अभी से व्यवसाय और निवेश की शिक्षा लें और कुछ ऐसे काम करने लगे जिससे कि आप आगे चल कर अपना खुद का व्यवसाय स्थापित कर सकें या निवेशक बन सकें तो आपको जीवन में बहुत से साधन भी प्राप्त हो सकते हैं और आपका जीवन रुपयों का मोहताज नहीं बनेगा। आपने कभी किसी की खूब चलती हुई दुकान को पीछे होते देखा है ? अपवाद सब क्षेत्रों में है पर एक बार आगे बढ़ने के बाद व्यवसाय बहुत काम ही पीछे हटते हैं और उनके मालिकों के और व्यवसाय भी आगे बढ़ते हैं। परन्तु एक ऊँची नौकरी पाने के बाद भी कई बार यह देखा गया है कि ऐसे लोगों के बच्चों का भविष्य भी खतरे में पड़ जाता है। इसलिए आपको आज ही इस बात पर गौर देना पड़ेगा कि आप अपना और अपने परिवार का भविष्या क्या चाहते हैं ? क्या आप चाहते हैं कि आप और आपकी आनेवाली पीढ़ी ऊपर दिए मानचित्र में मोहताज बन कर जिए या आप चाहते हैं कि आपकी आनेवाली पीढ़ी वय्वसायी या निवेशक बन कर आत्मनिर्भर रहे। आपने बचपन में वह कहानी तो सुनी होगी कि एक बूढ़ा आम के पढ़ का पौधा लगता है और जब उससे पूछा जाता है कि जब तक वह पेड़ बड़ा होगा तो तब तक वह बूढ़ा तो इस दुनिया में नहीं रहेगा, तो फिर वह पेड़ किसके लिए लगा रहा है? और वह जवाब देता है कि वह पेड़ अपनी आनेवाली पीढ़ी के लिए लगा रहा है। तो आपको भी जरुरत है अपनी आनेवाली पीढ़ी के भविष्य के बारे में उस बूढ़े की तरह सोचने की।

हमारी यह सात पुस्तकें कोई भी पढ़ सकता है, सिर्फ आपको हिंदी पढ़नी आनी चाहिए। यह पुस्तकें बच्चों से लेकर बुजुर्गों और पुरुष व् महिलाओं, सभी के लिए हैं। आप चाहें कितने ही पढ़े-लिखे हों या स्कूल भी नहीं गए हों, हमारी यह पुस्तकें आपको व्यवसाय और निवेश के लिए तैयार कर देंगी। आप चाहे नौकरी में हो, तो भी यह ज्ञान व्यर्थ नहीं जाएगा। तो आप जीवन में इस ज्ञान को भी ग्रहण करें और अपने व अपने परिवार के जीवन को सुख-संपत्ति का रास्ता दिखाएँ। व्यवसाय और निवेश की वित्तीय शिक्षा यदि आप और आपका परिवार आज पा लेता है तो आनेवाले समय में आप और आपका परिवार किसी व्यवसाय या निवेश में पैर रखते हुए डरेगा नहीं और अपनी बुद्धि को सही से चला पाएगा। - निखिल सबलानिया  
व्यवसाय एवं निवेश सीखने वाली पुस्तकें आप नीचे दिए लिंक पर क्लिक करके आर्डर करें अथवा फोन करें म. 8527533051. (Rs 2000, 7 Books)


http://www.cfmedia.in/vyavsayevanniveshseekhnewalipustaken

आनेवाले समय में बहुत जरुरी है व्यवसाय और निवेश की वित्तीय शिक्षा 10300656_10205175887985542_3479922112025406105_n
nikhil_sablania
nikhil_sablania

Posts : 109
Join date : 2010-10-23
Age : 44
Location : New Delhi

http://www.nspmart.com

Back to top Go down

Back to top

- Similar topics

 
Permissions in this forum:
You cannot reply to topics in this forum